समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और रामपुर से सांसद आजम खान एक और नई मुसीबत में फंस गए हैं. आजम खान के खिलाफ सोमवार को दो मामलों में अदालत (एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट) ने जमानती वारंट जारी किए. दोनों मामले लोकसभा चुनाव के दौरान शाहबाद कोतवाली में दर्ज हुए थे. इनमें एक मामला 14 अप्रैल 2019 का है.
लोकसभा चुनाव के दौरान शाहबाद में हुई चुनावी जनसभा में आजम खान ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें तलब करने के लिए कई बार समन भेजा था, लेकिन वे न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न जमानत कराई. इस मामले में सुनवाई पर भी सांसद आजम खान कोर्ट नहीं पहुंचे थे. इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं.
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इससे पहले रामपुर जिला प्रशासन ने बुधवार को मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर 104 बीघा जमीन जब्त की है. यह कार्रवाई प्रयागराज स्थित रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर की गई. विश्वविद्यालय का निर्माण सपा के सांसद मोहम्मद आजम खान ने कराया है, साथ ही वे यहां के कुलाधिपति भी हैं. रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के अनुसार दलित किसानों के समूह से ली गई इस जमीन की खरीद फरोख्त में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं.